Dhanteras -दो मुहूर्त में से एक में मनाया जाएगा धनतेरस !
धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस बार दिवाली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी,लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है कि धनतेरस 22 या 23 अक्तूबर किस दिन मनाया जाए।
PUBLISHED By -LISHA DHIGE
Dhanteras Date Time Shubh Muhurat: दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। धनतेरस पर सोना, चांदी, आभूषण और बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताएं हैं कि धनतेरस पर खरीदी गई चीजें तेरह गुना बढ़ जाती हैं। धनतेरस पर, भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद है कि 22 या 23 अक्टूबर को धनतेरस किस दिन मनाया जाए।
Diwali is considered to be the biggest festival of Hindus. Diwali is a festival celebrated for 5 days. The festival of Diwali begins with Dhanteras. According to the Hindu calendar, Dhanteras is celebrated every year on the Trayodashi date of the Krishna Paksha of Kartik month.Dhanteras is also known as Dhan Trayodashi. It is believed that on this day Lord Dhanvantari, the physician of the gods, was born. Buying gold, silver, jewelery and utensils on Dhanteras is considered very auspicious. have mythological beliefs.That the things bought on Dhanteras increase thirteen times. On Dhanteras, Goddess Lakshmi is worshiped along with Lord Dhanvantari, Lord Kubera. Diyas are lit in homes on this day. This time Diwali will be celebrated on 24th October, but there is a difference of opinion regarding the date of Dhanteras as to which day Dhanteras should be celebrated on 22nd or 23rd October.
धनतेरस तिथि 2022
हिन्दू पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि के दौरान लक्ष्मी पूजा करने का विधान है। इस वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 06:02 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 23 अक्टूबर को शाम 06:03 बजे समाप्त होगी और फिर चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. हिंदू धर्म में कोई भी व्रत या त्योहार उदय तिथि के आधार पर मनाया जाता है। ऐसे में त्रयोदशी का उदय तिथि 23 अक्टूबर को है.
According to the Hindu calendar, the festival of Dhanteras is celebrated every year on the Trayodashi date of the Krishna Paksha of Kartik month. On the day of Dhanteras, there is a law to worship Lakshmi during the Trayodashi Tithi in the Pradosh period. This year Krishna Trayodashi Tithi of Kartik month will start from 06:02 pm on 22nd October and end the next day i.e. 23rd October at 06:03 pm and then Chaturdashi Tithi will start. Any fast or festival in Hinduism is celebrated on the basis of Uday Tithi. In such a situation, the rising date of Trayodashi is on 23 October.
धनतेरस का महत्व
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी वजह से हर साल भगवान धन्वंतरि का जन्मदिन दिवाली से पहले धन त्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है। धनतेरस पर भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। और कुबेर यंत्र, श्री यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र घरों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में स्थापित किए जाते हैं। धनतेरस के दिन सोने, चांदी के आभूषण, सिक्के और बर्तन खरीदे जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से साल में 13 गुना बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा वे धनतेरस पर झाड़ू और धनिये के बीज भी खरीदते हैं। धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाए जाते हैं।
According to the scriptures, during the churning of the ocean on the day of Kartik Krishna Trayodashi, Lord Dhanvantari appeared with the nectar urn in his hands. For this reason, every year the birthday of Lord Dhanvantari is celebrated as Dhan Trayodashi before Diwali. He is specially worshiped on this day. Lord Kuber and Goddess Lakshmi are worshiped on Dhanteras. And Kuber Yantra, Shree Yantra and Mahalakshmi Yantra are installed in homes, temples and establishments.Gold, silver jewellery, coins and utensils are bought on the day of Dhanteras. It is believed that shopping on this day leads to an increase of 13 times in a year. Apart from this, they also buy brooms and coriander seeds on Dhanteras. Dhanteras is the first day of Diwali. On the evening of Dhanteras, diyas are lit in the main entrance and courtyard of the house.
धनतेरस पर बना शुभ खरीदारी का त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। पंचाग के अनुसार त्रिपुष्कर योग में यदि आप शुभ कार्य करते हैं तो उसमें तीन गुना सफलता प्राप्त होती है, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें सभी सिद्धियों का वास होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग भी राहुकाल से प्रभावित नहीं होता है और खरीदारी करना शुभ होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर को सुबह 6.32 बजे से शुरू होकर दोपहर 2:33 बजे समाप्त होगा. वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:50 बजे से शाम 06.02 बजे तक रहेगा.
This time Tripushkar and Sarvartha Siddhi Yoga is being formed on Dhanteras. According to the Panchag, if you do auspicious work in Tripushkar Yoga, you get three times success in it, whereas Sarvartha Siddhi Yoga is considered auspicious because all the siddhis reside in it. Sarvartha Siddhi Yoga is also not affected by Rahukaal and shopping is auspicious. Sarvartha Siddhi Yoga will start from 6.32 am on 23rd October and end at 2:33 pm. At the same time, Tripushkar Yoga will remain from 01:50 pm to 06.02 pm.