![Bhagvad Gita](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/1616866597415.jpg)
जिसने मन को जीत लिया है, उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है, क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है। ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image.png)
ईश्वर, ब्राह्मणों, गुरु, माता-पिता जैसे गुरुजनों की पूजा करना तथा पवित्रता, सरलता, ब्रह्मचर्य और अहिंसा ही शारीरिक तपस्या है।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-1.png)
भगवद गीता के अनुसार नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-2.png)
जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देकता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-3-546x1024.png)
मैं हर जीव के ह्रदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ। जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है, मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ, जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-4-678x1024.png)
जो महापुरुष मन की सब इच्छाओं को त्याग देता है और अपने आप ही में प्रसन रहता है, उसको निश्छल बुद्धि कहते है।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-5.png)
जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में, जीवन तो इस क्षण में है।
![](https://bulandmedia.com/wp-content/uploads/2023/12/image-6-1024x576.png)