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Mohini Ekadashi में क्यों नहीं खाया जाता है चावल..

PUBLISHED BY – LISHA DHIGE

Mohini Ekadashi : वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही खास मानी जाती है. इस दिन को मोहिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है. इस दिन चावल खाना वर्जित बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चावल खाना पाप होता है.

इस दिन जो व्यक्ति चावल खाता है, उतने ही कीड़े उसे अगले जन्म में काटते हैं. इसलिए इस दिन भूलकर चावल न खाएं. वहीं एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है.Mohini Ekadashi जो इनकी नित्य पूजा-अर्चना करता है, उसके ऊपर भगवान विष्णु की सदैव कृपा बनी रहती है और धन आगमन भी होता है. अब हिंदू कैलेंडर के हिसाब से एक महीने में दो एकादशी आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष. जिससे एक साल में 24 एकादशी आती है.

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Mohini Ekadashi
Mohini Ekadashi

अब इस नियम के अनुसार, एकादशी के दिन चावल न खाने का वैज्ञानिक कारण भी माना जाता है. एकादशी के 4 दिन बाद ही अमावस्या और पूर्णिमा तिथि आती है. अब जब एकादशी के बाद अमावस्या है, तो सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि में होंगे. अब आपको यह बता दें, जल से उत्पन्न चावल सफेद रंग का होता है और चंद्रमा भी सफेद ही होता है. इसलिए एकादशी को चावल खाने के 4 दिन बाद यह मन को परेशान कर देता है. जिससे व्यक्ति मानसिक तनाव में रहता है और उसका मन हमेशा अशांत रहता है. 

एकादशी के दिन न करें ये काम Mohini Ekadashi

1. इस दिन चावल, लहसुन, प्याज, गाजर, शलजम, पालक, गोभी, केला, आम, अंगूल बादाम, पिस्ता, नमक, तेल, मांस, मसूर की दाल, शहद का का सेवन करने से बचना चाहिए. 
2. तुलसी के पौधे में जल अर्पित न करें. 
3. इस दिन जुआ सट्टा नहीं खेलना चाहिए.
4. एकादशी के दिन किसी भी प्रकार का नशा करने से बचना चाहिए. 
5. इस दिन क्रोध का त्याग करना चाहिए. 
6. कांसे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिए.

Mohini Ekadashi

7. किसी की निंदा करने से बचें. बुरी संगत में न रहें. 
8. एकादशी के दिन दातुन भी नहीं करना चाहिए. 
9. इस दिन झाड़ू और पोंछा भी लगाना वर्जित है, क्योंकि इससे सूक्ष्म जीवों का नाश होता है और हम पाप के भागीदारी बन जाते हैं

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