कनाडा मे हुआ १६ साल मे पहली बार डॉक्टरों की कमी !!!!
कनाडा में चिकित्सा व्यवस्था की तबीयत बिगड़ने लगी है। इमरजेंसी मेडिसिन का संकट है। हालत यह है कि मरीजों को इलाज के लिए 100 से 125 घंटे इंतजार करना पड़ता है। ट्रॉमा के मरीजों को भी चार दिन इंतजार करना पड़ता है।
( published by- Lisha Dhige )
कनाडा में चिकित्सा व्यवस्था की तबीयत बिगड़ने लगी है। इमरजेंसी मेडिसिन का संकट है। हालत यह है कि मरीजों को इलाज के लिए 100 से 125 घंटे इंतजार करना पड़ता है। ट्रॉमा के मरीजों को भी चार दिन इंतजार करना पड़ता है।
कनाडा में स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है। हालत यह है कि प्राथमिक उपचार से ठीक होने वाले मरीज भी देखभाल के अभाव में बीमार पड़ रहे हैं। कनाडा में करीब 7500 डॉक्टरों की कमी है। ओंटारियो के आपातकालीन चिकित्सक डॉ. रघु वेणुगोपाल का मानना है कि यह सब राजनीतिक भी है। उन्होंने कहा कि ओंटारियो में कर्मचारियों की कमी के कारण 20 से अधिक आपातकालीन विभागों के बंद होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि यह कोई संकट नहीं है. ऐसा कहना अनुचित है।
स्वास्थ्य बजट बढ़ाने का प्रस्ताव :
कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन (CMA) ने भी इसे राष्ट्रीय संकट बताया है। वहीं, इसे लेकर प्रांतीय नेताओं ने भी आवाज उठाई है. जुलाई में हुई मंत्रियों की बैठक में स्वास्थ्य बजट को 22 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन इस सब पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि इस साल स्वास्थ्य के लिए 3.70 लाख करोड़ रुपये का सकारात्मक परिणाम आया है. देखना चाहते हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के बहुत भारी निवेश से आवश्यक सुधार नहीं हो पाए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ज्यां-यवेस डुक्लोस लगातार सुधार की बात कर रहे हैं। कनाडा में मौजूदा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद सभी प्रांतों के लिए कुल 2.62 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था। जिसमें 7500 नए फैमिली डॉक्टर और नर्स की नियुक्ति की जानी थी
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए फंड बढ़ाया जा रहा है
इस संकट से निपटने के लिए कनाडा सरकार और देश के स्वास्थ्य अधिकारी विदेशों से नर्सों को बुलाने और हाल ही में सेवानिवृत्त नर्सों को फिर से नियुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकांश प्रांत अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सस्केचेवान प्रांत ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए फंड बढ़ा दिया है। इसमें नए डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा कर्मियों की भर्ती की जाएगी।