छत्तीसगढ़

पत्रकार से मारपीट और संपादक के घर में बर्बरता के खिलाफ जांच की मांग, सौंपा ज्ञापन

रायपुर: छत्तीसगढ़ संवाद कार्यालय में कार्यरत एक अधिकारी द्वारा पत्रकार से मारपीट करने और झूठी एफआईआर दर्ज कराकर बुलंद छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के संपादक मनोज पांडेय के घर में पुलिस की विधिविरुद्ध कार्रवाई के विरोध में 24 अक्टूबर को राजधानी रायपुर के कलेक्टर, एसपी और गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।

यह ज्ञापन मनोज पांडेय की पत्नी, बच्चों, अन्य पत्रकार साथियों और मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से सौंपा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।

ज्ञापन में बताया गया कि बुलंद छत्तीसगढ़ समाचार पत्र में जनसंपर्क संचालनालय के अपर संचालक संजीव तिवारी के लंबे समय से एक ही कार्यालय में पदस्थ रहने से संबंधित खबर प्रकाशित की गई थी। इस खबर से नाराज होकर संजीव तिवारी ने कार्यालय पहुंचे पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की। इसके बाद उन्होंने मनोज पांडेय समेत चार पत्रकारों पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई, जबकि घटना के समय मनोज पांडेय वहां मौजूद ही नहीं थे।

आरोप है कि इसके बाद आधी रात को पुलिस ने बिना वारंट के मनोज पांडेय के घर पहुंचकर गेट तोड़ दिया और दस्तावेजों से छेड़छाड़ की। इस दौरान मना करने पर महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की गई। पीड़ित परिवार और पत्रकारों ने इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।

bulandmedia

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