
रायपुर। बुलंद छत्तीसगढ़ के संपादक मनोज पांडे के घर 10 अक्टूबर की रात लगभग 1 बजे पुलिस की कई गाड़ियाँ अचानक पहुंचीं। घर में केवल उनकी पत्नी और बेटियाँ मौजूद थीं।
घरवालों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने बिना किसी सर्च वारंट के जोर-जोर से गेट खटखटाया और गेट खोलने से इंकार करने पर मशीन से तोड़कर जबरन प्रवेश किया। इसके दौरान संपादक की पत्नी और छोटी बेटी को चोटें आईं।
12 से 15 पुलिसकर्मी घर में घुसकर सभी कमरों और अलमारियों की तलाशी लेने लगे। कुछ पुलिसकर्मियों ने शराब पी रखी थी और उन्होंने CCTV DVR में छेड़छाड़ की। पुलिसकर्मियों ने मंदिर और किराए पर रहने वाले अन्य कमरों तक भी प्रवेश किया।
पुलिस के अधिकतर सदस्य सिविल ड्रेस में थे, केवल दो ही वर्दी में थे। घरवालों के अनुसार, पुलिस ने वारंट दिखाने से इंकार किया और धमकाया कि “अब आप हमें मत सिखाइए।”
करीब ढाई घंटे तक चली कार्रवाई के बाद पुलिस चली गई, लेकिन उन्होंने धमकी दी कि “हम सुबह फिर आएंगे और रायपुर की पूरी पुलिस को बुलाएंगे।”
संपादक की बेटी वंशिका पांडे ने पत्रकारों से इस मामले में आवाज उठाने की अपील की है।







