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21 हजार से ज्यादा जैन परिवारों ने गोदोहासन कैवल्य मुद्रा में नवकार जाप किया

रायपुर । जैन संवेदना ट्रस्ट के आव्हान पर भगवान महावीर कैवल्य कल्याणक दिवस प्रत्यर्थ विश्व के सकल जैन समाज ने गोदोहासन मुद्रा में नवकार जाप कर वीर प्रभु से हिन्सा मुक्त समाज, भाईचारे व सुख समृद्धि हेतु की प्रार्थना की। भगवान महावीर स्वामी ने दीक्षा ग्रहण कर साढ़े बारह वर्ष तक साधना की व वैशाख शुक्ल दसमी के शुभ दिवस ऋजुबालिका नदी के तट पर शाल वृक्ष के नीचे गोदोहासन मुद्रा में काउसगग ध्यान करते हुए केवल ज्ञान की प्राप्ति की थी।

जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि वीर प्रभु ने सदैव विश्व कल्याण की कामना की थी। अतः विश्व भर के जैन समाज ने कैवल्य मुद्रा गोदोहासन में नवकार महामन्त्र का जाप कर विश्व में हिन्सा मुक्त समाज व भाईचारे समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। भक्त की प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है। महेन्द्र कोचर ने बताया कि बच्चों को महावीर स्वामी के केवल ज्ञान व गोदोहासन के बारे में ज्ञान अभिवृद्धि हुई, बच्चों ने उत्साहपूर्वक परिवार के साथ नवकार जाप में भाग लिया। इक्कीस हजार से ज्यादा परिवारों में जाप किया गया।

विजय चोपड़ा व चंद्रेश शाह ने बताया कि बिहार राजस्थान , मध्यप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र , उड़ीसा , झारखंड , तामिलनाडु , कर्नाटक , दिल्ली सहित पूरे छत्तीसगढ़ के अनेक शहरों से गोदोहासन मुद्रा में सपरिवार नवकार जाप की जानकारी व फोटोज व्हाट्सएप के माध्यम से मिली है। महावीर कोचर ने बताया कि जैन भाई बहनों ने घर के मंदिर में या वृक्ष के नीचे ज्ञान प्रतीक दीपक प्रज्वलित कर गोदोहासन में 12 नवकार महामन्त्र का जाप किया अनेक लोगों ने पांच बार भी जाप किया। सकल जैन समाज ने इस विश्वास से जाप किया कि विश्व में हिन्सा मुक्त समाज व भाईचारे की स्थापना होगी।

मंजू टाटिया, मंजू कोठारी ने कहा कि नवकार जाप से नक्सलियों को परमात्मा से सद्बुद्धि मिले व नक्सली हिन्सा का मार्ग छोड़ कर भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा, दया, करुणा व जियो और जीने दो के उपदेशों का अनुशरण करते हुए समाज की मुख्यधारा में लौट आए, और प्रार्थना, दृढ़ विश्वास की जीत निश्चित है। महेन्द्र कोचर ने कहा कि इस वर्ष भगवान महावीर स्वामी के कल्याणक दिवस पर विविध धर्म आराधना की जावेगी। कैवल्य कल्याणक के अगले दिन भगवान महावीर स्वामी ने चतुर्विध संघ की स्थापना की। साधु साध्वी श्रावक श्राविका ये जैन संघ के चार स्तंभ हैं। वैसाख सुदी ग्यारस को वर्तमान शासनपति महावीर स्वामी के जैन संघ का स्थापना दिवस है। वर्तमान के सभी साधु साध्वी श्रावक श्राविका इसी जैन धर्म संघ के हिस्से हैं।

bulandmedia

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