मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया विक्रमोत्सव-2024 उज्जैन का शुभारंभ
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समय के बदलते चक्र में उज्जैन में स्थापित दुनिया की पहली वैदिक घड़ी मध्यप्रदेश एवं देश का नाम दुनिया में बढ़ायेगी। अब भारत का समय दुनिया में जाना जायेगा। राज्य सरकार सम्राट विक्रमादित्य पर केन्द्रित साहित्य का सृजन करने का प्रयास भी कर रही है। सम्राट विक्रमादित्य पर हमें सदैव गर्व रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को कालिदास अकादमी उज्जैन में संस्कृति विभाग स्वराज संस्थान एवं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव-2024 का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में सिंगल क्लिक से 1576 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री ने 2.85 लाख लाड़ली योजना की बालिकाओं के खाते में 85 करोड़ रुपये की राशि भी अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिथियों के साथ विक्रम पंचांग का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंचासीन अतिथियों के साथ मां सरस्वती एवं सम्राट विक्रमादित्य के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, सतीश मालवीय, चिंतामण मालवीय तथा महापौर मुकेश टटवाल मंचासीन थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित सभ्यता को सर्वत्र पहचाना गया है। नागरिक तंत्र स्थापना के प्रथम पुरूष के रूप में सम्राट विक्रमादित्य जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव सरकार द्वारा समाज को साथ लेकर चलने वाला उत्सव है। उज्जैन काल गणना की नगरी है। साथ ही महाकाल की नगरी भी उज्जयिनी है। हम सनातन संस्कृति के संवाहक हैं। सनातन संस्कृति पर हमें गर्व है। महाकवि कालिदास ने अपने ग्रंथ और काव्यों के माध्यम से उज्जैन की गौरवगाथा का वर्णन किया है।