Breaking News : सुप्रीम कोर्ट का नोटबंदी को लेकर बड़ा फैसला !!
केंद्र सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को दाखिल हलफनामे में कहा था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।
PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
Table of Contents
Breaking News : केंद्र के नवंबर 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को रद्द कर सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिक करार दिया है. सरकार के इस कदम ने रातों-रात 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन से वापस ले लिए थे. न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को केंद्र को बड़ी राहत मिली है.
इसके साथ ही कोर्ट ने सभी 58 याचिकाओं को खारिज भी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस फैसले को उलटा नहीं जा सकता. नोटबंदी के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है. Breaking News कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच के बाद हमने पाया है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया केवल इसलिए त्रुटिपूर्ण नहीं हो सकती है क्योंकि यह केंद्र सरकार से निकली है और हमने माना है कि टर्म सिफ़ारिश को वैधानिक योजना से समझा जाना चाहिए.
यह पढ़े : Pop Benedict passed away : सबसे बड़े कैथलिक धर्मगुरु नहीं रहे !
https://bulandmedia.com/5240/pop-benedict-passed-away/
रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि 6 महीने की अंतिम अवधि के भीतर RBI और केंद्र के बीच परामर्श हुआ था. इस मामले में संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया. इस फैसले से सिर्फ जस्टिस बी वी नागरत्ना ने असहमति जताई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नोटबंदी की प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए थी.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर नोटबंदी कहीं अधिक गंभीर मुद्दा है. जिसका अर्थव्यवस्था और नागरिकों पर प्रभाव पड़ता है. अधिसूचना के बजाय कानून के माध्यम से केंद्र की अपार शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है.
जरूर पढ़े : Hyundai Creta Rival: जाने क्यों Honda ने खेला 1 सबसे ख़तरनाक दाव…https://bulandchhattisgarh.com/10008/hyundai-creta-rival/
सुप्रीम कोर्ट के पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इस तरह के उपाय को लाने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत हुई थी इसलिए हम मानते हैं कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी
जस्टिस बी आर गवई ने सरकार के पक्ष में की टिप्पणी
नोटबंदी के फैसले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि केंद्र की निर्णय लेने की प्रक्रिया में खामी नहीं हो सकती, क्योंकि आरबीआई और सरकार के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इसलिए यह कहना प्रासंगिक नहीं है कि लक्ष्य हासिल हुआ या नहीं।
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने अलग राय रखी ( Breaking News )
वहीं नोटबंदी के फैसले को लेकर न्यायमूर्ति नागरत्ना ने आरबीआई अधिनियम की धारा 26 (2) के तहत केंद्र की शक्तियों के बिंदु पर न्यायमूर्ति बी आर गवई के फैसले से अलग राय रखी। Breaking News जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि मैं साथी जजों से सहमत हूं लेकिन मेरे तर्क अलग हैं। मैंने सभी छह सवालों के अलग जवाब दिए हैं। मैंने भारतीय रिजर्व बैंक के महत्व और उसके अधिनियम और देश की आर्थिक नीतियों का जिक्र किया है।
फैसले को लेकर न्यायमूर्ति नागरत्ना ने आरबीआई अधिनियम की धारा 26 (2) के तहत केंद्र की शक्तियों के बिंदु पर न्यायमूर्ति बी आर गवई के फैसले से अलग राय रखी। Breaking News जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि मैं साथी जजों से सहमत हूं लेकिन मेरे तर्क अलग हैं। मैंने सभी छह सवालों के अलग जवाब दिए हैं। मैंने भारतीय रिजर्व बैंक के महत्व और उसके अधिनियम और देश की आर्थिक नीतियों का जिक्र किया है।
सरकार ने कहा था- RBI की सलाह पर की नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में 1000 और 500 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ 58 कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं।Breaking News सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत 1000 और 500 रुपए के नोट बंद किए गए थे। कोर्ट ने इस मामले में सरकार और RBI से जवाब तलब किया था।
और भी पढ़े : BIG BREAKING: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट की 1 मुहर…
https://bulandhindustan.com/6890/big-breaking/
केंद्र सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को दाखिल हलफनामे में कहा था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।Breaking News इसीलिए फरवरी से लेकर नवंबर तक RBI से विचार-विमर्श के बाद 8 नवंबर को इन नोटों को चलन से बाहर करने यानी नोटबंदी का फैसला लिया गया था।