
रायपुर । आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड रायपुर के जिनालय में 14 जून, ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी/नवमी के दिन विशेष धार्मिक आयोजन किया गया। इस दिन गृहस्थ को आत्मकल्याण के लिए पंच-परमेष्ठी भगवान का अभिषेक और पूजा की गई।
जिनालय के पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने बताया कि गृहस्थ को आत्मकल्याण के लिए पंच-परमेष्ठी भगवान का अभिषेक, शांति धारा स्तुति और पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए। देवपूजा, गुरुपास्ति, स्वाध्याय, संयम, तप, और दान जैसे षट्कर्मों का पालन नव देवताओं के आलम्बन द्वारा करना आवश्यक है। अरहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, सर्वसाधु, जिनागम, जिनधर्म, जिनमंदिर और जिनप्रतिमा ये नव देवता हैं।
प्रातःकाल 8.30 बजे श्रावक गण सामूहिक रूप से जिनालय की पार्श्वनाथ बेदी में एकत्रित हुए। उन्होंने भगवान पुष्पदंत को पांडुक्षीला में विराजमान कर प्रासुक जल से अभिषेक किया। इसके उपरांत अष्ट द्रव्यों से पूजन कर अर्घ्य समर्पित किए गए। रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य प्रवीण जैन मामाजी को प्राप्त हुआ। शांति धारा का शुद्ध उच्चारण राशु जैन द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सनत जैन, श्रेयश जैन, प्रवीण जैन मामा, कुमुद जैन, प्रणीत जैन, राशु जैन, पलक जैन, लोकेश जैन और अक्षत जैन उपस्थित थे।
यह आयोजन गृहस्थों के आत्मकल्याण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ, जिससे वे वीतरागता और मानवता की शिक्षा ग्रहण कर सकें।