रायपुर । एंटी करप्शन ब्यूरो ने 17 मई को ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 4 मामलों में 5 भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को जेल भेज दिया। पांचो के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत थी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब एसीबी ने एक दिन में चार-चार कार्रवाइयां की है। वो भी तब, जब एसीबी और ईओडब्लू का पूरा सिस्टम महादेव सट्टा ऐप समेत कई जांचों में उलझा हुआ है। उसके बाद भी पूरे प्रदेश में कल कार्रवाइयां की गई।
आपको बता दें कि विष्णु सरकार ने गुड गवर्नेंस के लिए ईओडब्डू और एसीबी को फ्री हैंड दे दिया है। सरकार ने भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ कोई मरौव्व्त न करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। हालांकि कहने के लिए ईओडब्लू और एसीबी राज्य सरकार की स्वतंत्र जांच एजेंसी है। उसे अपने हिसाब से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। मगर ये सिर्फ कहने के लिए है। बिना सरकार से इजाजत लिए एसीबी का कोई कार्रवाई नहीं करती। राज्य सरकारें ऐसा चाहती भी नहीं कि ईओडब्लू और एसीबी ताकतवर होकर कार्रवाइयां करें। अलबत्ता, राजस्थान में ईओडब्लू और एसीबी इतनी सक्षम है कि आईएएस, आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लेती है। मगर छत्तीसगढ़ में पटवारी, डिप्टी रेंजर से उपर नहीं उठ पाते। पिछले पांच साल में ईओडब्लू, एसीबी के हाथ-पैर बांध दिए गए थे। आलम यह रहा कि पांच साल में एसीबी और ईओडब्लू ने पांच कार्रवाइयां नहीं की।
विष्णु सरकार ने 2005 बैच के आईपीएस अमरेश मिश्रा को एनआईए के डेपुटेशन से आनन-फानन में वापिस बुलाया, तभी लग गया था कि सरकार करप्शन के खिलाफ बड़ी कार्रवाइयां करना चाहती है। अमरेश को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सिफारिश लगाकर रातोरात उनकी वापसी पर दस्तखत कराया गया। अमरेश ने ज्वाईन करते ही ईओडब्लू और एसीबी को रिचार्ज कर दिया। शराब घोटाले और महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप में कई गिरफ्तारी की, बल्कि अब भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ भी मुहिम शुरू कर दी है। उन्होंने ईओडब्लू और एसीबी का ईमेल और हेल्पलाईन नंबर जारी कर लोगों से शिकायतें भ्रष्ट और रिश्वत मांगने वाले सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों की शिकायत दर्ज कराने कहा है।
भ्रष्टाचार के लिए खिलाफ अभियान
ईओडब्लू, एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा ने कहा कि ईओडब्लू और एसीबी अपने दायित्वों के प्रति बेहद सजग है। प्रदेश में कार्रवाइयां की जा रही है…ये आगे भी जारी रहेंगी। आम लोगों को अगर काम-धाम के सिलसिले में कोई अगर पैसे के लिए परेशान कर रहा या रिश्वत मांग रहा तो उसकी शिकायत वे हेल्पलाइन या ईमेल पर कर सकते हैं।
यहां हुई कार्रवाई
आईपीएस अमरेश मिश्रा के एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ बनते ही भ्रष्टाचारियों की लगातार शामत आ गई है। लगातार भ्रष्टाचारियों पर रेड और ट्रैप की कार्यवाही एसीबी कर रही हैं। आज 17 मई को भी एसीबी ने अलग-अलग जिलों में चार कार्रवाई करते हुए पांच भ्रष्ट अफसर व कर्मियों को पकड़ा है।
एसीबी की कार्यवाही की शुरुआत आज कोंडागांव जिले से हुई है। कोंडागांव जिले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता टीआर मेश्राम के शासकीय बंगले में एसीबी की टीम ने छापामार कार्यवाही की है। कार्यपालन अभियंता द्वारा विभाग में सप्लीमेंट्री कार्य के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत ठेकेदार तुषार देवांगन से मांग रहे थे। ठेकेदार की शिकायत के बाद एसीबी ने पहले पुष्टि की फिर आज सुबह-सुबह कार्यपालन अभियंता के शासकीय निवास में 50 हजार रुपए कैश रिश्वत लेते कार्यपालन अभियंता को गिरफ्तार किया है।
एसीबी की दूसरी कार्यवाही बिलासपुर जिले में हुई है। बिलासपुर के तहसील कार्यालय में पदस्थ राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन ने बिलासपुर के तोरवा के रहने वाले प्रवीण कुमार तरुण से तोरवा में स्थित उनकी जमीन के सीमांकन हेतु ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसकी प्रथम किश्त के रूप में एक लाख रुपए लेकर तहसील कार्यालय में बुलाया था। प्रार्थी प्रवीण कुमार तरुण ने इसकी शिकायत बिलासपुर एंटी करप्शन ब्यूरो को की थी। शिकायत के सत्यापन के बाद सुनियोजित ट्रैप कार्यवाही कर तहसील कार्यालय बिलासपुर से राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार देवांगन को 1 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की तीसरी कार्यवाही रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में हुई है। झाड़– फूंक करने वाले जगमोहन मांझी ग्राम कुर्मी भवना का रहने वाला है। झाड़–फूंक से वापस लौटते समय उसे घरघोड़ा रेंज के डिप्टी रेंजर मिलन भगत ने पड़कर जंगली मुर्गा मारने के केस में जेल भेजने का डर दिखाकर 8 हजार रुपए मांगा था। 3 हजार रुपए तत्काल ले लिए थे। 5 हजार की दूसरी किश्त लेते हुए आज एंटी करप्शन ब्यूरो ने डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की चौथी कार्यवाही अंबिकापुर जिले में हुई है। यहां पदस्थ नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के सहायक संचालक ( सर्वे) बालकृष्ण चौहान एवं सहायक मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव ने ग्राम मोमिनपुर निवासी मोहम्मद वसीम बारी के समधी से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु 35 हजार रुपए के रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित मोहम्मद वसीम बारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर के कार्यालय में की थी। शिकायत सत्यापन के पश्चात ट्रैप कार्यवाही की गई तथा नगर एवं ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय अंबिकापुर में सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और सहायक मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।