रायपुर । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में यातायात नियमों की जानकारी देेते हुए यातायात प्रशिक्षक टी.के. भोई ने कहा कि हमें यातायात के सारे नियमों का पालन जरूर करना चाहिए क्योंकि यह हमारी ही जीवन रक्षा के लिए बनाए गए हैं। कभी भी शार्ट कट के चक्कर में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए।
उन्होंने आगे बतलाया कि देश में सबसे पहली सड़क चन्द्रगुप्त मौर्य ने बनायी थी जो कि चार देशों से होकर गुजरती थी। उसका नाम था उत्तर पथ। फिर अंग्रेजों ने सड़क बनायी उसे ग्रैण्ड ट्रंक रोड (जी.टी. रोड) कहा जाता था। जब देश आजाद हुआ तब इसी जी.टी. रोड को विभाजित कर नेशनल हाईवे बना। देश का सबसे लम्बा हाईवे एन.एच. 4 है जो कि 3400 किलोमीटर लम्बी है।
उन्होंने बतलाया कि ज्यादातर दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती है। यदि चालक अच्छा हो और वह यातायात नियमों का पालन करता हो तो दुर्घटनाओं की सम्भावना कम हो जाती है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें यातायात संकेतों का भी ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने विस्तार से बच्चों को ”प्रोजेक्टर” के माध्यम से यातायात संकेतों का परिचय दिया तथा उनका पालन करने की नसीहत दी। उन्होंने बतलाया कि यह संकेत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों में एक समान होते हैं। उन्होंने कहा कि सड़क पार करने के लिए जेब्रा कासिंग का ही उपयोग करना चाहिए। इसी प्रकार आधी सड़क दाँयी ओर देखते हुए और शेष आधी सड़क बाँयी ओर देखते हुए पार करना चाहिए।
उन्होंने बतलाया कि लोगों की मृत्यु का पांचवा सबसे बड़ा कारण सड़क दुर्घटना है। मरने वालों में अस्सी प्रतिशत संख्या युवाओं की होती है। इन दुर्घटनाओं से देश को प्रतिवर्ष लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपयों का नुकसान होता है जो कि सकल विकास दर (जीडीपी) के दो प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने कहा कि रायपुर में हर महिने हजारों की संख्या में नई गाडिय़ाँ पंजीकृत होती हैं। किन्तु सड़कों की संख्या ज्यों की त्यों बनी हुई हैै। अगर यही हाल रहा तो कुछ दिनों में सड़कों पर चलने के लिए जगह नहीं बचेगी।