छत्तीसगढ़

शुरू होगी मीसा बंदियों की पेंशन, अधिसूचना जारी…

रायपुर । विष्‍णुदेव सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन योजना चालू कर दी है। इस योजना को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2020 में अधिसूचना जारी करके बंद कर दिया था। अब साय सरकार ने फिर उस योजना को चालू करने की अधिसूचना जारी की है।

बता दें कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की सरकार में मीसा बंदियों को पेंशन दिया जाता था। 2018 में जैसे ही कांग्रेस सत्‍ता में आई मीसा बंदियों का पेंशन बंद कर दिया गया और 2020 में 2 अलग-अलग अधिसूचना जारी कर इस योजना को ही बंद कर दिया गया। अब बीजेपी की मौजूदा सरकार ने इस योजना को निरस्‍त करने वाली कांग्रेस सरकार की दोनों अधि‍सूचनाओं को निरस्‍त कर दिया है।

बताते चलें कि मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने मीसा बंदियों को फिर से पेंशन देने की घोषणा की थी। इसी सप्‍ताह हुई कैबिनेट की बैठक में पेंशन देने के फैसले पर मुहर लगई गई है।

अफसरों ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी।

एक माह से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8 हजार रूपए प्रतिमाह, एक से 5 माह तक के निरूद्ध व्यक्तियों को 15 हजार रूपए प्रतिमाह तथा पांच माह तथा अधिक निरूद्ध व्यक्तियों को 25 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाता था।

भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/डीआईआर के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था। जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी 2020 तथा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर निरस्त कर दिया गया था। मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया। अर्थात पूर्व अनुसार प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाती है एवं सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 1 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

bulandmedia

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