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पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ अरूण शर्मा का निधन, सीएम साय ने जताया शोक…

रायपुर । पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ. अरूण कुमार शर्मा का गुरुवार को 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। मुख्यमंत्री विष्‍णुदेव साय उनके निधन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि डॉ अरुण कुमार शर्मा छत्तीसगढ़ की माटी के सपूत हैं, जिन्होंने न सिर्फ छत्तीसगढ़ में अपितु देश के विभिन्न स्थलों पर पुरातात्विक सर्वेक्षण और उत्खनन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। छत्तीसगढ़ में सिरपुर और राजिम में उन्होंने उत्खनन के कार्य कराए। पुरातत्व के क्षेत्र में डॉ. अरुण शर्मा जी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

बता दें कि डॉ. शर्मा अयोध्‍या में रामजन्‍म भूमि के उत्‍खन्‍न से भी जुड़े रहे। रामजन्‍म भूमि मामले में वे साक्ष्‍य उपलब्‍ध कराने वाले अहम गवाह भी थे। अयोध्या की खोदाई को लेकर उन्‍होंने एक किताब भी लिखी है जिसका नाम आर्कियोलॉजिकल एविडेंस इन अयोध्या केस है। इस किताब में अयोध्‍या में खोदाई के दौरान मिले साक्ष्‍यों के साथ ही उस इलाके के खंडहर की भी तस्वीरों को शामिल किया है। एक बार पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्‍होंने बताया था कि राम मंदिर को लेकर उन्‍होंने कोर्ट में 4 प्रमाण दिए थे। इनमें एक शिलालेखा शामिल था जो 750 साल पुराना था। उस शिलालेख के अनुसार गहरवाल राजा ने राम मंदिर का निर्माण करवाया था। डॉ. शर्मा ने मंदिर को तोड़े जाने का भी प्रमाण कोर्ट में प्रस्‍तुत किया था। बाबरी मस्जिद मंदिर की ही नींव पर बनी थी। वहां दीवारों पर मूर्तियां बनी हुई थीं। इसमें 84 पिलर थे।

2017 में पद्मश्री सम्‍मान पाने वाले डॉ. शर्मा का जन्‍म 1933 में हुआ था। वे छत्तीसगढ़ सरकार के पुरातात्विक सलाहकार रहे हैं। डॉ. शर्मा ने अपने व्‍यवसायिक जीवन यात्रा की शुरुआत भिलाई स्‍टील प्‍लांट से की थी, लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा और उसे छोड़ दिया। इसके बाद वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) नागपुर में तकनीकी सहायक पद पर भर्ती हुए।

bulandmedia

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