भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को इको टूरिज्म का बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जायेगी। इससे रोजगारोन्मुख अर्थव्यवस्था संचालित करने में सहयोग मिलेगा। भविष्य में कूनो में ही लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
गांधी सागर अभयारण्य में भी ऐसी गतिविधियों को संचालित किया जायेगा। प्रदेश में वन आधारित अर्थ-व्यवस्था का नया मॉडल विकसित होगा। केंद्र सरकार के सहयोग से जल, जंगल, जमीन, वन्य प्राणी के संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगारोन्मुखी अर्थ-व्यवस्था बनेगा। श्योपुर के सेसई पूरा के जंगल रिसोर्ट में चीता पुनर्स्थापन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा अर्थ-व्यवस्था आधारित गतिविधियों से लोगो को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा और वन्य जीवों के साथ जंगल का भी संरक्षण होगा।
मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि जंगल आधारित अर्थव्यवस्था को संचालित करने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री यादव के निर्देशानुसार काम किया जाएगा। इसके लिए अलग से राज्य स्तर पर सेल बनाई जाएगी और अपने प्रोजेक्ट बनाकर संबंधित क्षेत्र के इको टूरिज्म वाली जगहों पर लोगों को रोजगार से जोड़ने इसके लिए डेवलपमेंट और अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित करेगी। श्योपुर कूनो से इसका शुभारंभ होगा।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव वन जे एन कंसोटिया, आयुक्त दीपक सिंह, दिल्ली से आए डीजीएफ जितेंद्र कुमार एवं चीता प्रोजेक्ट के सलाहकार एसपी यादव उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निवेदन पर केंद्रीय वन मंत्री ने कहा की मध्यप्रदेश एलीफेंट प्रोजेक्ट भी चलाया जाएगा और हाथियों से बचाव के लिए स्थानीय लोगों को शिक्षित किया जाएगा। स्थानीय लोगो को गजमित्र बनाया जायेगा।
प्रोजेक्ट एलिफेंट के अंतर्गत केंद्रीय दल मध्य प्रदेश आएगा जो असम और केरल के राज्यों के अनुभवों के साथ यहां के हाथियों के झुंड की व्यवहारों का अध्ययन करेगा और उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा। इससे हाथियों के संरक्षण पर काम किया जा सके।