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19वें छत्तीसगढ़ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन में भारत की प्रगति यात्रा में विज्ञान की भूमिका पर हुई चर्चा

रायपुर । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर और छत्तीसगढ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय 19 वें छत्तीसगढ़ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय यह सम्मेलन 26 एवं 27 फरवरी तक आयोजित होगा।

निदेशक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर प्रोफेसर एन. वी.रमणा राव ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जो अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी तरक्की कर रहा है। आज हम सब विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार की चर्चा करेंगे। नई विचारधारा और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे और आगे के विषय में कदम बढ़ाएंगे। छत्तीसगढ़ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन के माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र मंी आगे बढ़ेगी। आज हम इस समारोह को विकसित भारत 2047 के सन्दर्भ में भी देखते हैं, जो हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा निर्देश है। 2047 की दिशा में हम ऐसे भारत की दिशा में काम कर रहे हैं जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी हो, जो नवाचारों के साथ साथ सामाजिक और आर्थिक उत्थान को प्राप्त करेगा। छत्तीसगढ़ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन इस उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीसगढ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर के महानिदेशक एस.एस. बजाज ने कहा कि यह कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों का कार्यक्रम है। यह युवा वैज्ञानिकों के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। रिसर्च के साथ यह भी बहुत जरूरी है कि आप जो भी प्रोडक्ट बनाते हैं जो नवाचार आप करते हैं उसका आप पेटेंट जरूर बनाए। यह जमाना प्रतिस्पर्धा का है जो नई चीज आपने ईजाद की है उसे आप पेटेंट नहीं कराते हैं और इसका पेटेंट को दूसरा करा ले तो इसका लाभ जो आपकी संस्था को मिल सकता था वह किसी और को मिल जाएगा। इस दिशा में हमारी संस्था आपकी मदद करती है। यह पेटेंट का कार्य संस्था द्वारा निःशुल्क कराया जाता है। 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विशेष अतिथि एवं वी.वाय. हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि आप सभी भारत की प्रगति यात्रा में सहयोग कर रहे हैं। मानव की उत्सुकता और जरूरतों के कारण ही नई चीज बनती रहती है। आज हम नवाचार की बात कर रहे, विकसित भारत की बात कर रहे। ये सब अचानक नहीं हो रहा, ये सब डेमोग्राफिक चेंजेज के कारण हो रहा है। जो चुनौतियां आ रही हैं। उसके बारे में हमे जागरूक रहना होगा, इन सभी चुनौतियों का मुकाबला वैज्ञानिक बखूबी कर सकते हैं। कार्यक्रम को वाइस चांसलर एवं निदेशक आईआईआईटी, रायपुर डॉ प्रदीप कुमार सिन्हा ने भी सम्बोधित किया।

bulandmedia

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