भिलाई । बेहद सृष्टि रुपी जीवन के खेल में परमात्मा सर्वोच्च कोच है जो सदा साथ भी है और सहयोग भी देता है। परमात्मा दूर देश परमधाम से पराए देश में ब्रह्मा का तन रुपी रथ का आधार लेकर अवतरित होते है। यह बात सेक्टर 7 स्थित अंतरदिशा भवन के पीस ऑडिटोरियम में भिलाई सेवाकेंद्रो की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने महाशिव रात्रि महोत्सव शिव जयंती शिव मेरा पिता मेरे लिए है आया आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कही।
सर्वप्रथम 40 दिन 21 मार्च तक चलने वाले महाशिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ सर्व भिलाई सेवा केंद्रों की वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी दीदियों ने दीप प्रज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया। आशा दीदी ने शिव मेरा पिता मेरे लिए है आया के बारे में बताया की महाशिवरात्रि पर्व परमात्मा शिव का अवतरण दिवस है। जो सच्चे दिल से निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं उनका पुण्य का खाता जमा होता है। संतुष्ट रह संतुष्ट करने से जीवन परमात्मा दुआओं से संपन्न होता है। बताया की हनुमान जी के हृदय में प्रभु श्रीराम सीता का निवास था। ऐसा शुद्ध हृदय हो हमारा जिसमें स्वयं परमात्मा निवास करें।