राष्ट्रीय
Trending

वेद इतिहास नहीं है बल्कि मानव समाज के भविष्य के प्रारुप: धनखड़

नई दिल्ली । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वेद और सनातनी ग्रंथों को समाज के प्रत्येक कोने तक पहुंचाने का आह्वान करते हुए शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग विनाशकारी विचार प्रक्रिया को छिपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता को एक ढाल के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।

श्री धनखड़ ने यहां जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में 27 वीं अंतर्राष्ट्रीय वेदांत कांग्रेस के उद्घाटन भाषण में कहा कि वेदांत की बुद्धिमत्ता को ऐतिहासिक बौद्धिक धरोहर से निकालकर कक्षा में लाने और समाज के हर कोने तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वेद इतिहास नहीं है बल्कि मानव समाज के भविष्य के प्रारुप है। ये सतत विकास के लिए व्यावहारिक समाधान देते हैं।

वेदांत के ज्ञान की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि वेदांत अतीत का अवशेष नहीं है, बल्कि भविष्य के लिए एक ब्लूप्रिंट है। जैसे-जैसे हम अप्रत्याशित वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह सतत विकास, नैतिक नवाचार और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है।

श्री धनखड़ ने कहा, “हम एक अत्यंत प्राचीन सभ्यता हैं जो कई दृष्टियों से अद्वितीय और अनुपम है। यह विडंबनापूर्ण और दुखद है कि इस देश में सनातन और हिंदू का संदर्भ, इन शब्दों के गहरे अर्थ को समझने के बजाय, अक्सर बेतुकी प्रतिक्रिया दी जाती है। ऐसे वे लोग हैं जो गलत रास्ते पर चल रहे हैं, जो एक खतरनाक पारिस्थितिकी तंत्र से प्रेरित हैं, जो न केवल इस समाज के लिए, बल्कि अपने लिए भी खतरा है।

bulandmedia

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button