छत्तीसगढ़
Trending

प्यार-मोहब्बत का चक्कर छोड़ पढ़ाई-लिखाई में ध्यान दें युवा : डॉ. किरणमयी नायक

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में बुधवार को रायपुर में 283वीं सुनवाई आयोजित की गई। इस जनसुनवाई में महिला उत्पीड़न से संबंधित कई प्रकरणों पर सुनवाई की गई और कई मामलों में दोनों पक्षों के बीच सुलह कराई गई। आयोग ने यह जनसुनवाई रायपुर जिले में आयोजित की, जिसमें कुल 134 प्रकरणों की सुनवाई की गई।

युवाओं को दी नसीहत:
आयोग ने युवाओं को प्यार-मोहब्बत के मामलों से दूर रहने की सलाह दी। डॉ. नायक ने कहा कि पढ़ाई के दौरान ऐसे मामलों में पड़ने से पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाने की नौबत आ सकती है, जिससे भविष्य में सरकारी सेवाओं में रोजगार के अवसर भी खत्म हो सकते हैं। उन्होंने युवाओं को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

मामलों का निपटारा और चेतावनी:
सुनवाई के दौरान एक मामले में, एक मानसिक रोगी महिला की जमीन को धोखे से रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया। इस पर आयोग ने संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिया था कि वह आरोपी को पेश करे, लेकिन पालन न करने पर थाना प्रभारी को अंतिम चेतावनी दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने एसडीएम को निर्देश दिया कि वह अनावेदक और मानसिक रोगी महिला को अगली सुनवाई में पेश करें।

पारिवारिक विवाद और संपत्ति के मामले:
एक अन्य मामले में पति-पत्नी के बीच जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ा विवाद सामने आया, जिसमें 1 करोड़ रुपये की संपत्ति का मामला था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक अधिवक्ता और काउंसलर की नियुक्ति की है ताकि सटीक निपटारा किया जा सके।

ब्लैकमेलिंग का मामला:
एक अन्य प्रकरण में ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया गया और महिला ने शिकायत वापस ले ली। आयोग ने आरोपी को भविष्य में महिला से किसी भी प्रकार का संपर्क न करने की हिदायत दी।

नर्सिंग स्टाफ से जुड़ा विवाद:
एक मामले में अस्पताल में स्टाफ नर्स और मरीज के परिजन के बीच विवाद हुआ था। इस मामले में आवेदिका का 50 किलोमीटर दूर तबादला कर दिया गया था। आयोग की समझाइश के बाद दोनों पक्षों ने मामला आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया और मौखिक सुलहनामा किया गया।

सगाई से जुड़े विवाद का निपटारा:
एक प्रकरण में अनावेदक ने आवेदिका को 50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि दी और सगाई के खर्च का आदान-प्रदान किया गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सामान वापस किए और सहमति के बाद मामला नस्तीबद्ध कर दिया गया।

इस जनसुनवाई में कई मामलों को सुलझाने में महिला आयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें दोनों पक्षों को न्याय दिलाने के साथ-साथ आपसी सुलह पर भी जोर दिया गया।

bulandmedia

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button