छत्तीसगढ़

माओवादी संगठन में विद्रोह की स्थिति: तेलगू कैडर ने की ACM विज्जा की हत्या

रायपुर। माओवादी संगठन में आंतरिक कलह और विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे संगठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हाल ही में तेलगू कैडर के नेता विजय रेड्डी और उनके साथियों ने राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिवीजन कमेटी के सदस्य (ACM) विज्जा मड़काम की हत्या कर दी। माओवादियों के आंतरिक संघर्ष और विश्वासघात के आरोप के चलते यह हत्या हुई।

वर्ष 2024 में माओवादी संगठनों को लगातार हो रहे भारी नुकसान और पुलिस के मुठभेड़ों में शीर्ष माओवादी कैडर्स के मारे जाने से संगठन में विद्रोह की स्थिति साफ दिखाई दे रही है। पुलिस द्वारा माओवादियों से हिंसा छोड़ने और आत्मसमर्पण करने की अपील की जा रही है, ताकि वे अपनी जान बचा सकें और मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

माओवादियों को 2024 में भारी क्षति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बस्तर संभाग में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे प्रभावी अभियान के परिणामस्वरूप, इस साल अब तक 153 से अधिक माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। इनमें कई शीर्ष माओवादी कैडर शामिल हैं, जिनमें तेलंगाना के जोगन्ना, रंधीर, टीएससी सदस्य सागर, डीवीसीएम विनय उर्फ रवि, और महाराष्ट्र की एसीएम संगीता उर्फ सन्नी जैसे नाम प्रमुख हैं।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि माओवादियों के संगठन द्वारा स्थानीय कैडर्स को सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन हाल के मुठभेड़ों में बाहरी राज्यों के शीर्ष माओवादी नेता मारे गए हैं, जिससे उनकी रणनीति विफल हो गई है।

संगठन में विश्वासघात और विद्रोह
सूत्रों के अनुसार, बाहरी राज्यों के माओवादी कैडर अब स्थानीय माओवादी कैडरों पर संदेह कर रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। इस तनाव और अविश्वास के चलते माओवादी संगठन में विद्रोह और आपसी कलह की स्थिति बन गई है। इसी तनावपूर्ण माहौल में, 6 सितंबर 2024 को तेलगू कैडर के विजय रेड्डी के इशारे पर ACM विज्जा की हत्या कर दी गई। माओवादियों ने संगठन के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाकर विज्जा को मार डाला।

माओवादी संगठन का पतन
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि माओवादी संगठन अब नेतृत्वविहीन और दिशा-विहीन हो चुका है। बाहरी राज्यों के माओवादी नेता स्थानीय कैडरों को कई दशकों से केवल एक मानव कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन अब यह चाल बेनकाब हो चुकी है। बाहरी और स्थानीय माओवादियों के बीच बढ़ते अविश्वास और विद्रोह की स्थिति से संगठन में बिखराव हो रहा है।

आत्मसमर्पण की अपील
पुलिस ने स्थानीय माओवादी कैडरों से हिंसा छोड़ने और आत्मसमर्पण करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि माओवादियों के पास अब हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। बस्तर के विकास, शांति और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि माओवादी संगठन के बचे हुए कैडर संगठन की साजिशों से बाहर निकलकर एक सुरक्षित और समृद्ध बस्तर के निर्माण में सहयोग करें।

bulandmedia

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