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सरकार नहीं देगी 18 माह के ‘डीए’ का एरियर

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने अपने एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को तगड़ा झटका दे दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में स्पष्ट तौर से बता दिया है कि कोरोनाकाल के दौरान सरकारी कर्मियों का जो 18 फीसदी डीए/डीआर रोका गया था, अब उसका एरियर नहीं मिलेगा। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने डीओपीटी के सचिव (पी) से आग्रह किया था कि 18 माह के ‘डीए’ का एरियर, कर्मियों का हक है। केंद्र सरकार के कर्मियों व पेंशनरों को कोरोनाकाल के दौरान रोके गए डीए/डीआर का एरियर जारी किया जाए।

राज्यसभा सदस्य, जावेद अली खान और रामजी लाल शर्मा ने सदन में यह सवाल पूछा था कि क्या सरकार, कर्मचारियों को कोरोनाकाल के दौरान रोके गए डीए/डीआर के एरियर का भुगतान जारी करने के लिए सक्रिय है या नहीं। दोनों सांसदों ने पूछा, अगर सरकार यह भुगतान जारी नहीं कर रही है, तो उसका क्या कारण है। भारतीय अर्थव्यवस्था, विश्व में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस साल डीए/डीआर जारी करने को लेकर कर्मचारी संगठनों के कितने प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकार ने उन पर क्या कार्यवाही की है।

इन सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण डीए/डीआर रोका गया था। तब सरकार पर वित्तीय दबाव था। एनसीजेसीएम सहित सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों की तरफ से इस बाबत प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। मौजूदा समय में उक्त भत्तों का एरियर देना संभव नहीं हैं।

बता दें कि कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का उक्त भुगतान रोक कर 34,402.32 करोड़ रुपये बचा लिए थे। ‘भारत पेंशनर समाज’ के महासचिव एससी महेश्वरी ने भी कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया है। डीए एरियर का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है। ‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया, कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे, जिसमें पुरानी पेंशन बहाली सहित कई दूसरी मांगें शामिल हैं, लगातार उठाए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के भुगतान के लिए प्रदर्शन किया है। कैबिनेट सचिव को स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए एरियर के भुगतान के लिए लिखा गया था। इस बाबत वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया। कर्मचारी संगठनों ने इस विषय में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया था।

केंद्र सरकार की ओर से दी गई ये दलील
केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने बजट सत्र में यह बात मानी थी कि डीए की बकाया राशि जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से आवेदन मिले हैं। हालांकि सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस भरोसा देने की बजाए साफ तौर से कह दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में डीए के एरियर को जारी करना व्यावहारिक नहीं है। मतलब, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ से अधिक की डीए/डीआर राशि का भुगतान नहीं करेगी। बजट सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, अभी भी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में दर्शाए स्तर से दोगुने से अधिक चल रहा है। ऐसे में डीए/डीआर का एरियर देना संभव नहीं है। सी. श्रीकुमार बताते हैं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज के साथ उसका भुगतान करना होता है।

कोरोनाकाल में रोका गया था डीए का भुगतान
केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने का महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्तें रोक ली थीं। उस वक्त सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने तब कैबिनेट सचिव के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। कर्मियों को उम्मीद थी कि उन्हें बकाया राशि मिल जाएगी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। सी. श्रीकुमार के मुताबिक, सरकार के मन में खोट आ चुका है। केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस वक्त कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये बचा लिए थे। उसके बाद कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 18 माह के एरियर के भुगतान को लेकर सरकार को कई तरह के विकल्प सुझाए थे। इनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान करना भी शामिल था।

सरकार की घोषणा का निकला ये मतलब
कोरोनाकाल के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की थी कि कर्मचारियों को 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण काल में डीए की तीन किस्त (1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021) रोक दी गई थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में महंगाई भत्ते को बहाल कर दिया था। तब 18 महीने की बकाया तीन किस्तों का पैसा देने पर सरकार चुप हो गई।

bulandmedia

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