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मरीज की लगातार मॉनिटरिंग करके तथा समय पर उपचार के जरिये रोका जा सकता है कार्डियक अरेस्ट

रायपुर । पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के एनेस्थीसिया एवं पेन मैनेजमेंट विभाग द्वारा आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट की कार्यशाला का उद्घाटन शुक्रवार को आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. के. पात्रा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर प्रभारी अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. अरविंद नेरल, अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. बी. एस. नेताम तथा एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा जैन शाह भी मौजूद रहीं।

शुक्रवार को संपन्न हुई कार्यशाला में एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट के अंतर्गत कार्डियक अरेस्ट (पूर्ण हृदय अवरोध) होने पर उसके त्वरित चिकित्सीय प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि मरीज की लगातार मॉनिटरिंग करके तथा समय पर उपचार के जरिये कार्डियक अरेस्ट को रोका जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने डिफिब्रिलेटर एवं पेसमेकर कब और किन मरीजों को लगाया जाता है, इसकी जानकारी दी।

कार्यशाला में बाहर से आये विशेषज्ञों ने एडवांस एयरवे एवं उसके उपकरणों के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया एवं मैनिकिन पर प्रैक्टिस करवाया। कार्डियक अरेस्ट के दौरान रिससिटेशन की प्रक्रिया में टीम वर्क करके मरीज को बचाने के तरीकों की जानकारी दी। छह-छह छात्रों के पांच समूह में मैनिकिन के माध्यम से एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस कार्यशाला के कोर्स इंस्ट्रक्टर डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. शिवम पटेल एवं डॉ. अनीषा नागरिया हैं। वहीं गुजरात से विशेष रूप से प्रशिक्षण देने के लिए डॉ. जनक खम्बोल्झा एवं डॉ. पल्टियाल पैलेट आए हुए हैं।

bulandmedia

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