Sandeep Maheshwari : की अनुसनी कहानी !
संदीप ने एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है ‘अ स्माल बुक टू रिमांइड यू समथिंग बिग’. इस किताब को युवा वर्ग के द्वारा काफी पसंद किया जाता है
PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
संदीप माहेश्वरी आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायी और सबसे प्रासंगिक नाम हैं। संदीप माहेश्वरी भी भारत के शीर्ष उद्यमियों में तेजी से उभरते नामों में से एक है। संदीप माहेश्वरी ने बहुत कम समय में यह सफलता हासिल की है। संदीप Imagebazaar.com के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। इमेज बाजार भारतीय वस्तुओं और व्यक्तियों की छवियों को सहेजने के लिए सबसे बड़ी ऑनलाइन साइट है। इसके पोर्टल में एक लाख से अधिक नए मॉडलों की तस्वीरें संरक्षित हैं। इतना ही नहीं इस वेबपेज के साथ कई हजार कैमरामैन काम करते हैं। तेज बुद्धि के स्वामी संदीप को इस कार्य के लिए न केवल मेहनत करनी पड़ी, बल्कि उन्होंने अपने दिमाग का सही इस्तेमाल कर इसे हासिल किया।
संदीप माहेश्वरी का जीवन परिचय
संदीप ने भारत ही नहीं विदेशों में भी खूब नाम कमाया है। संदीप युवाओं को आगे लाने, उनके भविष्य को लेकर निराशा से बाहर निकालने के लिए कई जगहों पर सेमिनार भी आयोजित करते हैं। उनके ‘फ्री मोटिवेशनल लाइफ चेजिंग सेमिनार’ काफी मशहूर हैं। 34 साल के संदीप अपने जीवन में कई संकटों का सामना कर इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
संदीप माहेश्वरी का आरंभिक जीवन
संदीप माहेश्वरी का जन्म 28 सितंबर 1980 को दिल्ली में हुआ था। संदीप बचपन से ही बहुत कुछ करने के बारे में सोचते थे। वह कभी भी अपने बचपन के बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं। उनके पिता एक व्यापारी थे। संदीप के पिता का एल्युमीनियम का कारोबार था। करीब दस साल चलने के बाद यह कारोबार ठप हो गया। परिवार की मदद के लिए उन्होंने अपनी मां के साथ मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी ज्वाइन की, जिसमें घर पर ही चीजें बनाकर बेचनी पड़ती थी।
एमएलएम का काम भी ज्यादा दिन नहीं चला। पिता का कारोबार ठप होने से संदीप के पूरे परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। संदीप के पापा बहुत परेशान रहते थे। संकट की इस घड़ी में संदीप के परिवार ने टूटने से ज्यादा खुद को व्यवस्थित किया. तभी से संदीप अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहते थे। इस छोटे से धंधे के बाद उन्होंने और भी कई काम शुरू किए, जो ज्यादा दिन नहीं चले। आखिर में उन्होंने परिवार चलाने के लिए पीसीओ का काम शुरू किया। चूंकि उस समय मोबाइल इतने अधिक नहीं थे, इसलिए कुछ दिनों तक यह काम ठीक चला। यह काम उनकी मां देखती थीं।
संदीप माहेश्वरी की शिक्षा
पारिवारिक और आर्थिक तंगी के कारण संदीप को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। वह दिल्ली के कोरीमल कॉलेज से वाणिज्य स्नातक थे और 2000 में उन्होंने फोटोग्राफी शुरू की, और शुरू में इसे कई तरह से एक पेशे के रूप में अपनाने की कोशिश की। इसी सिलसिले में उन्होंने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक छोटा सा बिजनेस भी शुरू किया, लेकिन सभी असफल रहे। किस्मत ने उसके लिए कुछ और ही चुना था।
संदीप माहेश्वरी के जीवन में बदलाव
संदीप माहेश्वरी निराशा के साथ जीने लगे, लेकिन इसी दौरान एक बार उन्होंने दोस्तों के साथ एक मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी के सेमीनार डिस्कशन में हिस्सा लिया। 18 साल के संदीप में इतनी परिपक्वता नहीं थी, गोष्ठी में उसे कुछ भी समझ नहीं आता था, जो कुछ भी वह सुनता था वह उससे अंजान था। उस 21 साल के लड़के ने एक बार फिर संदीप को अपनी निराशा से लड़ने का हौसला दिया। इसी साहस से संदीप को एक नए तरह का उद्यम शुरू करने की प्रेरणा मिली और यह भी कि वे अपने जैसे कई युवाओं को जीवन के संघर्ष में प्रेरित कर सकते हैं।
अब संदीप ने ठान लिया है कि वो 21 साल के लड़के की तरह नया वेंचर शुरू करेगा, ये आवाज उसके अंतर्मन से आ रही थी। यह विचार आते ही वह अपने कुछ मित्रों को साथ लेकर उस लड़के के पास गया, पर वहां कुछ नहीं हुआ। कंपनी ने किसी को नहीं रखा, दोस्त भी उसका मजाक उड़ाने लगे। इस असफलता ने उन्हें थोड़ा पीछे जरूर खींचा लेकिन उन्हें हरा नहीं सके। संदीप ने असफलताओं का आंकलन करना शुरू किया। उसने अपनी गलतियों को सुधारने का एक तरीका सोचा और उसे लगा कि साझेदारी पर भरोसा न करके उसने गलती की होगी। संदीप को लगने लगा कि जब तक आप संघर्ष के कटु अनुभव से नहीं गुजरेंगे, सफलता नहीं मिलेगी। इसके बाद उन्होंने कई और असफल प्रयास किए।
संदीप माहेश्वरी की फोटोग्राफी
मॉडलिंग के दौरान एक मित्र कुछ तस्वीर लेकर उनके पास आया. उन तस्वीरों को देखकर उन्हें लगा कि उनके अंतरत्मा की आवाजा इसी व्यवसाय के लिए आ रही है. उन्होंने कुछ जानकारी हासिल कर 2 सप्ताह के फोटोग्राफी के प्रशिक्षण कोर्स में दाखिला ले लिया . कोर्स ज्वाइन करने के बाद उन्होंने एक मंहगा कैमरा भी खरीदा और तस्वीर खींचना आरंभ कर दिया. फोटोग्राफी कोर्स पूरा करने के बाद भी उनके लिए रास्ता कठिन ही था. उन्होंने देखा कि देश में लाखों लोग फोटोग्राफर के पेशा के लिए धक्का खा रहे हैं. उन्हें लगने लगा कि ऐसा क्या करना चाहिए जो फोटोग्राफी को दूसरे लेवल पर ले जाकर नया व्यवसाय का रूप दे. उन्होंने हिम्मत जुटाकर एक अखबार में फ्री पोर्ट फोलियो का विज्ञापन दिया, और उस विज्ञापन को पढ़कर कई लोग आये. उन लोगों से ही जिंदगी की पहली कमाई का सिलसिला आरंभ हुआ. फोटोग्राफी का व्यापार आरंभ हो गया. और धीरे धीरे इसका विस्तार करते हुए उन्होंने एक विश्व रेकार्ड 12 घंटे में 100 मॉडल्स के 10000 फोटो खींच कर लिम्का बुक्स में अपना नाम दर्ज कर लिया. इस रेकार्ड के बाद उनके पास काम की तादाद और ज्यादा बढ़ने लगी.
संदीप माहेश्वरी की इमेजबाजार कंपनी
लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज कराने के बाद उन्हें काफी बिजनेस मिलने लगा। इस रिकॉर्ड की वजह से उनके पास कई मॉडल और विज्ञापन कंपनियां आने लगीं और बहुत ही कम समय में उनकी कंपनी भारत की सबसे बड़ी फोटोग्राफी एजेंसी बन गई। पैसे की कोई कमी नहीं थी। 2006 में संदीप के दिमाग में एक नया विचार आया और उस विचार से ऑनलाइन इमेज मार्केट शेयरिंग साइट का जन्म हुआ। यह देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन फोटोग्राफी कंपनी है। अभी उनके पास 45 देशों के 7000 से ज्यादा क्लाइंट हैं। अब संदीप शेयरिंग पर सेमिनार भी देते हैं और लाखों युवाओं को प्रेरित करते हैं।
संदीप महेश्वरी की सफलता और पुरस्कार
- उन्हें क्रिएटिव एंतोप्रेन्टोरिय़र ऑफ द ईयर 2013 का पुरस्कार “Entrepreneur India Summit” के द्वारा 2014 में प्रदान किया गया.
- “Business World” पत्रिका ने उन्हें शीर्ष उद्ममी के रूप में चुना गया.
- ग्लोबल मार्केटिंग फोरम के द्वारा स्टार यूथ एचिहिवर के रूप में चुना गया.
- ब्रिटिश हाई कमीशन की तरफ से इन्हे युवा उद्यमी का पुरस्कार मिला
- ईटी नाउ चैनल के द्वारा शीर्ष उद्यमी का पुरस्कार मिला.
- इसके साथ साथ कई चैनलों ने इन्हें वर्ष का उद्यमी घोषित किया.
संदीप माहेश्वरी के अनमोल वचन
- ‘यदि आपके पास चीजों का आधिक्य है तो आप उसे सिर्फ अपने लिए ही संरक्षित ना रखें,उसे जरूरतमंदों के साथ शेयर करें.’
- सभी से सीखो पर सबका अनुसरण मत करो.
- मनुष्य की सबसे संरचनात्मक और विनाशात्मक चीज है उसकी लालसा.
- ना भागना है, ना रूकना है, बस चलते जाना है. पैसे की उतनी ही जरूरत है जितना गाड़ी में पेट्रोल
- जब भी कठिनाइयों से डरो तो अपने से नीचे के लोगों को देखो.
संदीप महेश्वरी की प्रिय किताबें
संदीप ने एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है ‘अ स्माल बुक टू रिमांइड यू समथिंग बिग’. इस किताब को युवा वर्ग के द्वारा काफी पसंद किया जाता है.
- श्रीमद्भगवद गीता
- टाओ टे चिंग – लाओ जू
- फ्लो: दी साइकोलॉजी ऑफ़ ऑप्टीमल एक्सपीरियंस – मिहाई केमिलाहई
- अनलिमिटेड पॉवर – अन्थोनी रोब्बिंस
- दी मैजिक ऑफ़ थिंकिंग बिग – डेविड जे. सचवार्त्ज़
- थिंक एंड ग्रो रिच – नपोलियन हिल
- मार्केटिंग मैनेजमेंट – फिलिप कोटलेर
- सी यू एट दी टॉप – जिग जिगलर
- दी पॉवर ऑफ़ नाव – एकहार्ट टोल्ले
- पवित्र बाइबिल
- रूमी – फर्रुख धोंडी
- यू कैन हील योर लाइफ – लौइसे एल. हैय
- पॉवर प्राणायाम – डॉ. रेनू महतानी
- दी सुप्रीम योगा – योगा वसिस्ट
- अवधूत गीता– नन्दलाल दशोरा
- अष्टावक्र गीता– नन्दलाल दशोरा
- कोर ऑफ़ दी योग सूत्र – बी.के.एस अयेंगर
- फ्रीडम फ्रॉम दी नोन – जिद्दु कृष्णामूर्ति
- गाँधी ओन पर्सनल लीडरशिप – आनंद कुमारस्वामी
- हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल – डेल कारनेज
- दी पॉवर ऑफ़ पॉजिटिव थिंकिंग – नार्मन विन्सेंट पीएल