नवविवाहित महिलाएं नहीं रख पायेंगी करवा चौथ का व्रत !
क्या शुक्र अस्त होने के कारण नवविवाहित नहीं रख पाएंगी करवा चौथ व्रत? जानिए
( Published by – Lisha Dhige )
नई दिल्ली ।। पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ बेहद खास रहने वाला है। क्योंकि इस वर्ष शुक्र अस्त हो रहा है।
शास्त्रों के अनुसार शुक्र अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ व मांगलिक कार्य करना वर्जित है। 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा। ऐसे में किसी भी प्रकार का हजामत-भेदी, ग्रह प्रवेश, विवाह आदि वर्जित है। इसलिए अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रहे हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
पंडित जगन्नाथ गुरुजी के अनुसार करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूरे दिन उपवास करने के बाद शाम को चंद्रमा को देखने और अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है.
करवा चौथ की चतुर्थी तिथि बुधवार, 12 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02:03 से शुरू होगी और 13 अक्टूबर 2022 को गुरुवार दोपहर 02:58 बजे समाप्त होगी. इसलिए करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखना शुभ रहेगा।
इस साल करवा चौथ का उद्यापन करना सही
करवा चौथ का व्रत इसी साल शुरू होने वाला है, वह इसी साल से व्रत की शुरुआत भी कर सकती हैं. क्योंकि शुक्र की अस्त होने के कारण व्रत न रखने की बात निराधार है। इसलिए नवविवाहित महिलाएं इस व्रत को बिना किसी झिझक के रख सकती हैं
शुक्र का अस्त होना क्यों अशुभ
शास्त्रों के अनुसार शुक्र अस्त होने पर सभी प्रकार के शुभ और शुभ कार्यों में इसका प्रभाव पड़ता है। क्योंकि कई मुहूर्तों की गणना शुक्र की स्थिति के अनुसार की जाती है। लेकिन करवा चौथ का संबंध चंद्रमा से है, इसलिए शुक्र की अस्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।