छत्तीसगढ़शिक्षा एवं रोजगार

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की फर्जी भर्ती घोटाला: शिक्षा विभाग और NGO की मिलीभगत उजागर

महासमुंद : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कौशल विकास के नाम पर रि-इंडिया (NGO) द्वारा शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। बिना सरकारी अनुमति के शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त किया गया, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।एक प्रधानपाठक ने एक शिक्षिका की नियुक्ति की जानकारी संयुक्त संचालक शिक्षा को दी। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि बिना सरकारी अनुमति के शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।

NGO और शिक्षा विभाग की मिलीभगत

रायपुर की रि-इंडिया स्किल टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्रा. लि. ने 2024 में 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रम, खेलकूद एवं स्वास्थ्य आदि के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था। तत्कालीन DEO मीता मुखर्जी ने NGO से सांठगांठ कर नियमों की अनदेखी करते हुए यह भी नहीं देखा कि NGO का शिक्षा विभाग से पंजीकरण है या नहीं, और न ही राज्य शासन से इसकी स्वीकृति ली।

नए DEO ने भी की अनदेखी

DEO सावंत ने बिना पंजीयन और विभागीय अनुमति देखे ही 3 जनवरी 2025 को रि-इंडिया NGO के शिक्षकों को प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषयवार शिक्षक आवश्यकता वाले शालाओं में नि: शुल्क शिक्षा प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया।

शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया

रि-इंडिया ने 13 दिसंबर 2024 को तुसदा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानपाठक के नाम योगेश्वरी बघेल को ज्वाइनिंग देने पत्र भेजा। 21 दिसंबर 2024 को योगेश्वरी बघेल सीधे तुसदा हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंची और प्रधानपाठक महेन्द्र मरकाम ने DEO का आदेश मानकर कार्यभार ग्रहण कराया।

शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

DEO ने 15 जनवरी 2025 को सभी प्राचार्य और प्रधानपाठकों को विभागीय पत्र भेजकर रि-इंडिया के नि:शुल्क शिक्षकों से केवल अध्यापन का काम लेने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण, अटेंडेंस रजिस्टर में उनका नाम न लिखा जाए और ना ही कोई अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाए।

विधानसभा में मामला उठा

अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने विधानसभा में NGO द्वारा कौशल विकास के नाम पर बिना राज्य शासन की अनुमति के शिक्षकों की नियुक्ति का सवाल उठाया। इस पर DEO की ओर से छत्तीसगढ़ विधानसभा को दी गई जानकारी में रि-इंडिया को छोड़ 7 NGO पंजीकृत होना बताया गया।इसके अलावा कौशल विकास के नाम पर 6 शिक्षकों की नियुक्ति को 17 जनवरी 2025 को निरस्त कर करने की जानकारी दी, लेकिन DEO ने 6 शिक्षकों की जानकारी विधानसभा को देकर सभी को गुमराह किया, जबकि जिले में 7 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।

जांच के आदेश जारी

संयुक्त संचालक ने DEO से कहा कि रि-इंडिया को अनुमति देने से पहले क्या शासन से या संचालनालय से अनुमति ली गई थी। संयुक्त संचालक ने नोटिस में यह भी कहा कि उल्लेखित अनुमति यदि आपके (DEO) द्वारा नहीं दी गई है तो आपके जिले के शासकीय विद्यालयों के प्राचार्य उक्त संस्था द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को कैसे कार्यभार ग्रहण करा रहे हैं।

इस फर्जीवाड़ा का खुलासा होते ही DEO ने 17 जनवरी 2025 को सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर रि-इंडिया के लिए दिए गए अनुमति को निरस्त करने का आदेश दिया।

bulandmedia

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button