Shocking cases: जाने कुछ बेहद अनसुलझे रहस्य !!
एक शोध के तहत इस जगह का निरीक्षण करने पर पता चला कि 850 ई. में कुछ आदिवासी और स्थानीय लोग इस जगह के दर्शन करने आए थे, जिनमें से कुछ एक ही परिवार के थे और कुछ अलग-अलग समुदायों के थे
PUBLISHED By -LISHA DHIGE
बर्फ में दबे कंकालों का रहस्य : उत्तराखंड में कंकाल झील, जहां 200-300 मानव खोपड़ी और धड़ का जमावड़ा देखा जा सकता है, हमेशा अपने रहस्य के लिए चर्चा का विषय रहा है। कुछ लोग इसे अलौकिक शक्तियों का कृत्य कहते हैं, तो कुछ इसे नरसंहार से जुड़ी जगह बताते हैं। अफवाहें खूब उड़ती रहीं, लेकिन इस दुर्गम जगह के बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे पाया है. लेकिन अब लगता है कि शायद जल्द ही इस जगह से जुड़ा रहस्य सुलझ जाएगा।
Skeleton Lake in Uttarakhand, where an assemblage of 200-300 human skulls and torso can be seen, has always been a topic of discussion for its mystery. Some people call it an act of supernatural forces, while some call it a place related to genocide. Rumors kept flying a lot, but so far no concrete information has been given about this inaccessible place. But now it seems that perhaps soon the mystery related to this place will be solved
इस जगह के पीछे के रहस्य को उजागर करते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां न तो किसी अलौकिक शक्ति या नरसंहार के कारण सैकड़ों लोग मारे गए और न ही इस जगह पर सामूहिक बलि दी गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कंकाल उन लोगों के हैं जो यहां तीर्थ यात्रा के लिए आए थे और ओलावृष्टि के कारण इस स्थान पर अपनी जान गंवा दी थी।
200 किलो का पत्थर हवा में कैसे झूल रहा है?
एक शोध के तहत इस जगह का निरीक्षण करने पर पता चला कि 850 ई. में कुछ आदिवासी और स्थानीय लोग इस जगह के दर्शन करने आए थे, जिनमें से कुछ एक ही परिवार के थे और कुछ अलग-अलग समुदायों के थे। खराब मौसम के कारण बर्फबारी और ओलावृष्टि शुरू हो गई। सिर पर भारी ओले गिरने से सभी की मौत हो गई।
Inspecting this place under a research, it was found that in 850 AD some tribals and local people had come to visit this place, some of whom belonged to the same family and some belonged to different communities. Due to bad weather, snowfall and hailstorm started. Everyone died due to heavy hail falling on their heads.
एक तरकीब जो दूर करेगी भूतों और पिशाचों की समस्या
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1942 में पहली बार इन कंकालों को एक ब्रिटिश वन अधिकारी ने देखा था और ऐसा माना जाता था कि ये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां से गुजरने वाले जापानी सैनिकों के कंकाल थे। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस स्थान का संबंध किसी भूत, पिशाच या नरसंहार से नहीं बल्कि तीर्थयात्रा के दौरान खराब मौसम की चपेट में आए यात्रियों से है।
It is noteworthy that for the first time in the year 1942, these skeletons were seen by a British forest officer and it was believed that these were the skeletons of Japanese soldiers who passed through here during World War II. But now it has become clear that this place is not related to any ghost, vampire or carnage but with the travelers who got hit by bad weather during the pilgrimage.
प्रकृति के इस सौंदर्य का विनाश निश्चित है
शोधकर्ताओं का कहना है कि मरने वालों में से कुछ का कद छोटा था, जिससे पता चलता है कि वे सभी एक ही परिवार के थे, जबकि कुछ लोग लंबे थे। जब उनके सिर पर क्रिकेट की गेंद जैसी कोई भारी चीज गिर गई तो उनकी मौत हो गई।
हिमालय में करीब 5,029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील हर साल बर्फ पिघलाती है। जैसे ही बर्फ पिघलनी शुरू होती है, उसके अंदर दबी खोपड़ी दिखाई देने लगती है। पहले इन खोपड़ियों को कश्मीर के तत्कालीन जनरल जोरावर सिंह और उनके आदमियों से संबंधित माना जाता था। इतना ही नहीं, यह भी माना जाता था कि या तो यहां कुछ लोग संक्रामक रोग के शिकार हो गए होंगे या झील की पौराणिक मान्यता में विश्वास रखने वाले लोगों ने यहां सामूहिक आत्महत्या की होगी।
Researchers say that some of those who died were short, suggesting that they all belonged to the same family, while some were tall. He died when something heavy like a cricket ball fell on his head
.Roopkund Lake, situated at an altitude of about 5,029 meters in the Himalayas, melts snow every year. As the snow begins to melt, a skull buried inside it becomes visible. Earlier these skulls were believed to belong to the then General of Kashmir, Zorawar Singh and his men.Not only this, it was also believed that either some people here might have succumbed to infectious diseases or people who believed in the mythological belief of the lake would have committed mass suicide here.